नवरत्न एवं उपरत्नों का परिचय

नवरत्न

1. हीरा (DIAMOND) - यह सर्वाधिक कठोर और मूल्यवान रत्न होता है। यह सफेद, गुलाबी, पीले तथा काले रंग में पाया बहा है। ज्योतिष की दृष्टि से यह शुक्र ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है।
2. पन्‍ना (EMERALD) - यह हरा या सफेद मिश्रित हरे रंग का रत्न होता है। यह पारदर्शी तथा अपारदर्शी दोनों ही प्रकार का होता है। इसे बुध ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है।
3. पुखराज (YELLOW SAPPHIRE) - यह पीले अथवा सफेद रंग का रत्निय पत्थर होता है। यह पारदर्शी होता है। ज्योतिष की दृष्टि से इसे बृहस्पति का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है।
4. नीलम (BLUE SAPPHIRE) - नीलम मोर की गर्दन के समान गहरे नीले रंग का अथवा पारदर्शी हल्के नीले रंग का रत्न होता है । गहरे नीले रंग के नीलम को बैंकाक का नीलम कहते हैं। हल्के नीले रंग के पारदर्शी नीलम को सीलोनी नीलम कहते हैं। यह शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न होता है।
5. माणिक (RUBY) - यह रत्न लाल रंग का श्रेष्ठ होता है, किन्तु श्याम वर्ण-मिश्रित लाल रंग के भी माणिक होते हैं। इसे सूर्य का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है। जहाँ तक इसके प्रभाव का प्रश्न है लाल व श्याम-मिश्रित लाल रंग वाले, दोनों का प्रभाव समान ही होता है।
6. मूँगा (CORAL) - यह प्राय: लाल, सिंदूरी तथा सफेद रंगों का होता है। इसे मंगल ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है।
7. मोती (PEARL) - मोती प्राय: सफेद रंग का आबदार रत्न होता है। साथ ही यह हल्के गुलाबी तथा हल्के पीले रंगों में भी प्राप्त होता है। ज्योतिषीय दृष्टि से इसे चन्द्रमा का रत्न माना गया है।
8. गोमेद (HESSONITE) - यह कालापन लिये हुए लाल रंग का अथवा पीलापन मिश्रित लाल रंग का होता है। साथ ही यह गोमूत्र के रंग का भी होता है। इसे राहु ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है।
9. लहसुनिया (CAT'S EYE) - इसका रंग कुछ कालापन लिये हुए हरा या पीला भी होता है। इसमें बिल्ली की आँख के समान धारी होने से इसे विडालाक्ष (cat's eye) भी कहते हैं। यह केतु ग्रह का प्रतिनिधि रत्न होता है।

उपरत्नों का परिचय

उपरत्नों की श्रेणी में जिन रत्नीय पत्थरों का रखा गया है, उनके नाम व संक्षिप्त परिचय निम्न प्रकार है -
1. सुनहैला (CITRINE) - सुनहैला सोने के रंग के समान सुनहरे रंग का पारदर्शी रत्न होता है। ज्योतिष की दृष्टि से इसे बृहस्पति ग्रह की शान्ति के लिए पुखराज का उपरत्न माना गया है। इसके अंगूठी के नग तथा मालायें आदि भी बनती हैं।
2. कटेला (AMETHYST) - यह हल्के बैंगनी रंग का चमकदार तथा पाददर्शी रत्न होता है। इसे शनि ग्रह की शान्ति के लिए नीलम के उपरत्न के रूप में धारण किया जाता है। अंगूठी के नगों के साथ-साथ इसकी मालायें आदि भी बनायी जाती हैं।
3. स्फटिक (ROCK CRYSTAL) - सफेद बिल्लौर को स्फटिक भी कहा जाता है। यह सफेद चमकदार तथा पारदर्शी रत्नीय पत्थर होता है। इसे शुक्र ग्रह का उपरत्न माना गया है । अंगूठी के नगों के अतिरिक्त इसकी मालायें, मूर्तियाँ तथा श्रीयन्र आदि भी बनते हैं।
4. दाना फिरंग (MALACHITE) - यह हरे रंग का होता है तथा इस पर हल्के हरे रंग की लहरदार धारियाँ-सी होती हैं। गुर्दे के दर्द में इसे धारण करने से लाभ होता है, इसीलिये अंग्रेजी में इसे (किडनी स्टोन) भी कहा जाता है।
5. फिरोजा (TURQUOISE) - जैसा कि इसके नाम से ही प्रकट है यह फिरोजी रंग का होता है, साथ ही यह आसमानी रंग का भी होता है। यह अपारदर्शी उपरत्न होता है तथा बुध ग्रह की शान्ति के लिये धारण किया जाता है।
6. जबरजद् (PERIDOT) - यह हरे रंग का आभायुक्त मुलायम पत्थर होता है। ज्योतिष की दृष्टि से इसे बुध ग्रह की शान्ति के लिये धारण किया जाता है।
7. तुरमली (TOURMALINE) - यह कई रंगों में प्राप्त होता है। यह गुलाबी, हरे, नीले रंग में भी मिलता है। इसके रंगों के आधार पर ही इसे विभिन्न ग्रहों की शान्ति के लिये धारण किया जाता है।
8. ओपल (OPAL) - ओपल प्राय: सफेद रंग का होता है तथा इसकी सतह पर कई रंगों के छीटे-से होते हैं। यह काफी नर्म उपरत्न होता है जरा-सी चोट से ही टूट जाता है। इसे हीरे का उपरत्न माना गया है।
9. संगसितारा (GOLD STONE or AVENTURINE QUARIZ) - यह गहरे गेरुये-से रंग का अपारदर्शी रत्नीय पत्थर होता है तथा इसकी सतह पर सुनहरे रंग के छीटे-से पड़े होते हैं। इसके अंगूठी के नग, दर्शन-जोड़ी तथा मालायें आदि बनती हें।
10. जरकन (ZIRCON) - जरकन को अमेरिकन डायमंड भी कहते हैं। यह प्राय: सफेद रंग का होता है, किन्तु इसके अतिरिक्त यह लाल, पीले आदि रंगों का भी होता है। देखने में यह हीरे जैसा ही प्रतीत होता है, यह प्राय: आभूषणों में जड़ने के काम में आता है।
11. माहेमरियम्‌ (FORTIFICATION AGATE) - यह मटमैले रंग का-सा होता है तथा इस पर पीले रंग की आड़ी-तिरछी लकीरों का जाल-सा होता है। यह बवासीर की बीमारी में लाभदायक माना जाता है।
12. लाजर्वत (LAPIS LAZULI) - इसका रंग नीला होता है और इसकी सतह पर सफेद रंग के धब्बे से होते हैं। शनि ग्रह की शान्ति के लिये इसे एक महत्त्वपूर्ण उपरत्न माना गया है। अंगूठी के नगों के अतिरिक्त इसकी मालायें तथा लॉकेट आदि भी बनतें हैं।
13. तामडा (GARNET) - यद्यपि इसका हिन्दी नाम तामडा है तथापि आम बोल-चाल की भाषा में इसका अंग्रेजी नाम 'गारनेट' ही अधिक प्रचलित है। यह गहरे लाल रंग का कुछ कालापन लिये हुए होता है। इसे माणिक का उपरत्न माना गया है। अंगूठी के नगों के अतिरिक्त इसकी मालायें भी बनती हैं।
14, चन्द्रकांतमणी (MOON STONE) - चन्द्रकांतमणी को गोदन्ती भी कहा जाता है, किन्तु हिन्दी में इन दोनों नामों की अपेक्षा इसका अंग्रेजी नाम 'मून स्टोन' ही अधिक प्रचलित है। इसे मोती का उपरत्न माना गया है।
15. गनमैटल (HEMATITE) - यह काले रंग का चमकदार उपरत्न होता है। इसे शनि ग्रह का उपरत्न माना गया है।
16. मकनातीस (LOAD STONE) - इसे मैगनेट स्टोन तथा चुम्बक पत्थर भी कहते हैं। यह काले रंग का चमकदार पत्थर होता है। इसका विशेष गुण यह होता है कि यह लोहे को अपनी ओर खींचता है। ब्लड-प्रेशर के रोग के लिये यह लाभदायक माना गया है।
17. काला स्टार (MALANITE or ANDRADITE EARNET) - यह काले रंग का पत्थर होता है तथा इसकी सतह पर चमकीला स्टास-सा दिखायी देता है। इसे शनि का उपरत्न माना गया है।
18. टाइगर (CHATIYANT QUARTZ or TIGER EYE)- इसकी सतह पर पीली तथा काली चमकीली पट्टियाँ-सी होती हैं। जिस तरह शेर की खाल पर पीले रंग पर काली धारियाँ होती हैं, उसी तरह इसका स्वरूप भी होता है, इसीलिये इसे टाइगर स्टोन कहा जाता है। ज्योतिष की दृष्टि से यह केतु तथा बृहस्पति का उपरत्न माना गया है। अंगूठी के नगों के अतिरिक्त इसकी मालायें आदि भी बनती हैं।
19. मरगज (JADE/JADEITE) - मरगज नीले तथा हरे रंग का होता है। इसे बुध और शनि का उपरत्न माना जाता है।
20. ओनेक्स (ONYX) - यह हरे तथा नीले रंग का उपरत्न होता है। इसे बुध तथा शनि का उपरत्न माना गया है।
21. हकीक (AGATE) - यह प्राय: कई रंगों में पाया जाता है। इसकी सतह पर धारियाँ-सी होती हैं। इसके विभिन्‍न रंगों के कारण ही इसे विभिन्‍न राशि वालों को धारण कराया जाता है।
22. सुलेमानी (SULEMANI ONYX) - यह उपरत्न काले रंग का होता है तथा उस पर सफेद रंग की धारियाँ पड़ी होती हैं।
23. हकीक यमनी (SARDONYX) - इसे लाल ओनेक्स भी कहा जाता है। यह सुर्ख लाल रंग का उपरत्न होता है। मंगल ग्रह की शान्ति के लिये इसे अच्छा उपरत्न माना गया है।
24. बैरूज (AQUAMARINE) - इसका रंग हल्का हरा होता है। इसे पन्ने का उपरत्न माना गया है।
25. धुनैला (SMOKY QUAZTZ) - यह उपरत्न धुयें के रंग और सुनहरे रंग के मिश्रित रंग का होता है।
26. सज़री (MOSS AGATE)- यह हकीक की जाति का उपरत्न है। यह भी हकीक के समान कई रंगों का होता है तथा प्राकृतिक रूप से इस पर फूल तथा पत्तियों के से आकार बने रहते हैं।
27. होलदिली (HELIODOR) - यह हरे तथा सफेद मिश्रित रंग का उपरत्न होता है। इसके विषय में कहा जाता है कि इसे धारण करने से दिल मजबूत रहता है तथा भय नहीं व्यापता।
28. अलेक्जैंडर (ALEXANDERITE)-यह उपरत्न नीले तथा जामुनी-से रंग का होता है।
29. लालडी (SPINEL RUBY)- इसका रंग गुलाब के फूल के समान गुलाबी आभायुक्‍त होता है।
30. रोमनी (ROMNI)-यह गहरे लाल रंग का कुछ कालापन लिये होता है।
31. नरम (SPINEL)-यह लाल रंग के साथ कुछ पीलापन लिये हुये होता है।
32. लूधिया (A KIND OF MARBEL) - यह मजीठ के समान लाल रंग का होता है।
33. सिंदूरिया (PINK SAPPHIRE) (GROUP OF CORUNDUM) - यह गुलाबी रंग में कुछ सफेदी लिये हुये होता है।
34, नीली (SODALITE) - इसे काका नीली भी कहते हैं। यह नीलम की जाति का उपरत्न होता है। इसका रंग नीला होता है, इसे नीलम का उपरत्न माना गया है।
35. पितौनिया (BLOOD STONE) - इसका रंग हरा होता है और इस पर लाल रंग के छीटि-से होते हैं।
36. बासी (BAMBOO STONE) - यह हल्के हरे रंग का नरम पत्थर होता है।
37. दूरे-नजफ 'DOOR-E-NAZAF' (Floor Stone) - कच्चे धान के रंग का होता है।
38. आलेमासी (A KIND OF AGATE) - यह सुलेमानी की जाति का उपरत्न होता है। इसका रंग भूरा होता है तथा इस पर काली धारियां होती हैं।
39. जजेमानी (A VARIETY OF ONYX) - यह भूरे रंग का पत्थर होता है तथा इस पर क्रीम रंग की धारियाँ होती हैं।
40. सीवार (SIVAR) - इसका रंग हरा होता है तथा इस पर भूरे रंग का डोरा होता है।
41. तुरसवा (A KIND OF ZIRCON) - इसका रंग गुलाबी में कुछ पीलापन होता है।
42. अहबा (RHODONITE) - इसका रंग गुलाबी होता है तथा इसकी सतह पर बड़े-बड़े छीटे होते हैं।
43. आबरी (ABRI) - इसका रंग काला होता है।
44. कुदरत (KUDRAT) - यह काले रंग का होता है तथा इस पर सफेद और पीले दाग होते हैं।
45. चित्ती (CHATOYANT) - इसका रंग काला होता है तथा इस पर सुनहरी धारियाँ होती हैं।
46. संगसन (WHITE JADE) -इसका रंग सफेद तथा अंगूरी रंग मिश्रित होता है।
47. लारू (A KIND OF MARBLE) - यह मकराने की जाति का पत्थर होता है।
48. मारबल (MARBLE)- इसे मारबल तथा संगमरमर भी कहते हैं। यह विभिन रंगों का होता है।
49. कसौटी (BASANITE)- यह स्याह काले रंग का पत्थर होता है। इस के सोने-चाँदी की परीक्षा की जाती है।
50. दारेचना (BRAUNITE) - यह कत्थई रंग का इस पर पीले रंग के छीटे-से होते हैं।
88. हकीक गलबहार (A VARIETY OF AGATE) - इसका रंग कुछ पीलापन लिये हुये हरा होता है। इसे माला बनाने के काम में लाया जाता है।
52. हालन (SAND STONE) -इसका रंग गुलाबी होता है। इसे हिलाने पर इसका रंग भी हिलता हुआ-सा प्रतीत होता है।
53. मुवे-नजफ (MOVE-NAJAF (Floor Stone)) - यह पत्थर सफेद रंग का होता है तथा इस पर काली धारियाँ होती हैं।
54. कहरवा (AMBER) - इसका रंग लाल होता है। इसकी माला बनायी जाती है।
55. झरना (JHARNA)- यह मटियाले रंग का होता है।
56. संगबसरी (A KIND OF ANTIMONY) - आँखों का सुरमा बनाने के काम आता है।

57. दाँतला (ACHROITE) - यह चिकना, पानीदार, सफेद तथा हरे रंग का होता है।
58. मकडा (SPIDER STONE) -यह हल्के काले रंग का होता है तथा इसकी सतह पर मकडी का जाला-सा बना रहता है।
59. संगिया (A KIND OF GYPSUM)-यह सेलखड़ी से मिलता-जुलता सफेद रंग का होता है।
60. गुदडी (A VARIETY OF MARBLE) - यह पीले रंग का होता है।
61. सिफरी (AMAZONITE) - इसका रंग नीले तथा हरे रंग के मिश्रित रंग का होता है।
62. कांसला (A VARIETY OF TURMALINE) - इसका रंग सफेदी लिये हुये हरा होता है।
63. हदीद (EYE AGATE) - यह काले तथा कुछ भूरापन रंग लिये हुये होता है।
64. हवास (HAWAS) - यह हरे रंग का कुछ सुनहला-सा होता है।
65. सींगली (MYSORE STAR) - यह माणिक की ज़ाति का उपरल होता है। इसका रंग लाल में कुछ कालापन लिये हुये होता है।
66. ढेडी (A KIND OF MARBLE) - इसका रंग काला होता है। इसे खरल बनाने के काम में लाया जाता है।
67. गौरी (A KIND OF AGATE) - यह हकीक से मिलता-जुलता धारीदार तथा कठोर पत्थर होता है। यह प्राय: कई रंगों में उपलब्ध होता है।
68. सीया (BLACK MARBLE) - इसका रंग काला होता है। यह मूर्तियाँ बनाने के काम में आता है।
69. सीमाक (PROPHYRY) - यह लाल रंग का कुछ पीलापन लिये हुये होता है। इस पर गुलाबी रंग के छीटे-से होते हैं।
70. मूसा (JET) - यह सफेद तथा मटियाले रंग का होता है। इसके प्याले तथा खरल आदि बनते हैं।
71. पनघन (A VARIETY OF AGATE or SARD PEBBLE) - इसका रंग काले में कुछ हरापन लिये हुये होता है।
72. अमलीया (A VARIETY OF MARBLE) - यह हल्का कालापन लिये गुलाबी रंग का होता है।
73. डुर (EPIDOTE)- यह कत्थई रंग का पत्थर होता है।
74. तिलियर (TILIYAR) - इसका रंग काला होता है तथा इस पर सफेद रंग के छीटे-से होते हैं।
75. खारा (TEKTITES) - यह कुछ हरापन लिये हुये काले रंग का होता है।
76. फात जहर (A KIND OF SOFT STONE) - यह सफेद रंग का होता है।
77. सेलखड़ी (GYPSUM) - यह सफेद रंग का नर्म तथा चिकना पत्थर होता है। इसे क्रीम, पाउडर आदि बनाने में काम में लाया जाता है।
78. जहर मोहरा (SERPENTINE) - इसका रंग कुछ सफेदी लिये हुये हरा और काला-सा होता है। यह सांप का विष उतारने के काम आता है।
79. रवात (JASPER) - यह लाल तथा नीले दो रंगों में पाया जाता है। इसे रात-रतुआ भी कहते हैं। यह रात में आने वाले ज्वर में लाभदायक माना जाता है।
80. सोन मक्खी (MARCASITE) - यह सफेद मिट्टी के रंग का-सा होता है।
81. हजरते-ऊद (MAZRAT-E-UD) - यह काले रंग का पत्थर होता है।
82. सुरमा (ANTIMONY)-यह काले रंग का पत्थर होता है। इससे आँख का सुरमा बनाया जाता है।
83. पारस (PHILOSOPHERS STONE) - इसके विषय में कहा जाता है कि इसके स्पर्श से लोहा सोना बन जाता है, किन्तु यह सर्वथा दुर्लभ वस्तु है। इसके विषय में प्राय: दंत कथायें ही सुनने को मिलती।
84. रेनबो (RAINBO QUARTZ) - यह सफेद रंग का चमकदार उपरत्न होता है तथा धूप में इसे देखने से इसमें कई रंगों की झलक प्रतीत होती है।

इस प्रकार रल-उपरत्नों के उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि उसमें अनेक ऐसे उपरत्न भी शामिल हैं, जिनका उपयोग न तो आभूषणों में किया जाता है और न ही ज्योतिष की दृष्टि से उनका कुछ महत्त्व और उपयोग है, बल्कि उनका उपयोग अनेक प्रकार के उद्योगों, जैसे मूर्तियाँ तथा खरल आदि बनाने, औषधियों तथा भवन निर्माण आदि में किया जाता है, चूँकि इन्हें भी उपरत्नों की श्रेणी में शास्त्रकारों ने गिनाया है, इसीलिये यहाँ इनका उल्लेख किया गया है।

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